रुखी थाली -शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

ये लोग यहाँ कब तक रहेंगे मनीषा अपने पति परेश से बोली। ये लोग कौन लोग। जिनके बारे में तुम बात रही हो वो कोई लोग नहीं हैं वरन मेरे मम्मी पापा हैं ।उनके लिए सम्मानित शब्दों का प्रयोग करो,और रही जाने  की  बात तो वे क्यों जायेगें।अपने  बेटे-बहू के पास रहने आए हैं अब … Read more

हिस्सा – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

शरद ने अपनी पत्नी शुभी से कहा यह  तुम क्या कह रही हो कि मैं गांव जाकर बाबूजी से मकान व दुकान में अपने हिस्से की बात करूं,क्योंकि कानूनन मेरा भी हक बनता है कि मैं भी अपने भाई के साथ बराबर का हिस्सेदार  हूं,उस घर व दुकान में…   तुम इतनी खुदगर्ज कैसे हो सकती … Read more

पंख – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

जब आज संजना को अपनी तीनों बेटियों में सबसे छोटी बेटी पंखुरी का ज्यूडिशरी का रिजल्ट पता चला तो उसकी आंखों से खुशी के साथ-साथ वक्त और अपनों ने दिए जख्मों को याद कर मिश्रित आंसू की झड़ी लग गई। वह दौड़कर घर में बने मंदिर में सिर नवाकर ईश्वर का धन्यवाद कर रोने लगी। … Read more

टूटते रिश्ते – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

पूरा आधा घंटा हो गया है तुमको आफिस से आते हुए और तुम हो कि अभी तक इस लैपटॉप को लिए बैठे हो, जाओ जल्दी से फ्रेश होकर आओ फिर बैठ कर साथ में डिनर करते हैं।आज मैने तुम्हारी पसंद के भरवां करेले बनाए है , मम्मी जी से रेसिपी पूछ कर,रागिनी ने अगम के … Read more

भाभी तो पारस है – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

भाभी.. अब आप जाकर थोड़ा सा आराम कीजिए बाकी का सारा काम मैं देख लूंगी! अरे नहीं दीदी.. आप अपने भाई बहनों के साथ बाहर हंसी मजाक कीजिए, गेम खेलिए ,सिर्फ दो-तीन दिनों के लिए तो आप आई हो उसमें भी आप मेरे साथ में बराबर से काम करवाती रहती हो, आपका मन नहीं करता … Read more

सिक्का और सांप – देवेंद्र कुमार : Moral Stories in Hindi

बस्ती से कुछ दूर एक प्राचीन इमारत के खंडहर थे। शायद कभी किसी सामंत या नगर सेठ की हवेली रही हो, जो अब समय के थपेड़ों से टूट-फूट गई थी। काफी बड़े क्षेत्र में पत्थर बिखरे हुए थे। उसका इतिहास कोई नहीं जानता था। और जानने की कोई जरूरत भी नहीं थी। रात की क्या … Read more

बेटी गुरुर.. बहू क्लेश..? – रोनिता : Moral Stories in Hindi

मम्मी जी..! आंचल की सासू मां का फोन आया था… वह आंचल की गोद भराई की रस्म है, हमें बुलाया है…. नायरा ने अपनी सास गायत्री जी से कहा…  गायत्री जी:   अच्छा… पर समधन जी ने मुझे फोन ना करके तुम्हें क्यों किया…? नायरा:   वह कर रही थी कि आपका फोन नहीं लग … Read more

ब्रांडेड सोच – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

#गुरूर# ब्रांडेड सोच जब पंद्रह लाख की कार दरवाजे पर खड़ी हुई तो मिताली के चेहरे की पुलक आंखों की चमक और ठसक देखते बनती थी। एक गुरूर सा छा गया था उसके चेहरे पर ही नहीं शरीरके हर हाव भाव पर भी। कार के आते ही मानो सब कुछ बदल ही गया था।चलने का … Read more

अब क्या करूं – लक्ष्मी कानोडिया : Moral Stories in Hindi

जिया ने पानी पिया और आशीष का नंबर डायल किया मगर उसने इस बार भी फोन नहीं उठाया। जिया ने आशीष को कई बार फोन मिलाया मगर उसने उसकी किसी कॉल का जवाब नहीं दिया। जिया ने सोचा अब तो आशीष ने बिल्कुल ही बात करना बंद कर दिया है। एक बार को वह फिर … Read more

ख़ुद को श्रेय क्यों न दूँ ??? – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

सपना एक गरीबी घर की लड़की थी , उसका बचपन बहुत ही अभाव में गुज़रा लेकिन उसे अपने घर की गरीबी से कोई शिकवा शिकायत नहीं थी।  सपना पढ़ने में होशियार थी।  उसके पिता रमेश जी ने एक सरकारी स्कूल में उसका दाखिला कराया हुआ था , इसी सरकारी स्कूल से सपना ने 12वीं का … Read more

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